
महाराष्ट्र के मंत्री नितेश राणे के एक बयान ने हाल ही में विवाद खड़ा कर दिया, जिसमें उन्होंने केरल को ‘मिनी पाकिस्तान’ कहा। इस बयान के बाद कई राजनीतिक और सामाजिक संगठनों ने उनकी आलोचना की और इसे असंवेदनशील करार दिया।
नितेश राणे का विवादित बयान
नितेश राणे ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा करते हुए लिखा, “केरल अब मिनी पाकिस्तान बन चुका है। वहां की स्थिति देश के लिए खतरा बन सकती है।” इस बयान के बाद उनके खिलाफ व्यापक विरोध शुरू हो गया। सोशल मीडिया पर कई लोगों ने उनके इस बयान को गैर-जिम्मेदाराना और राज्य के प्रति अपमानजनक बताया।
केरल के नेताओं और जनता का विरोध
नितेश राणे के इस बयान पर केरल के राजनीतिक नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने इसे सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने वाला और राज्य की छवि खराब करने वाला बयान बताया। कई नेताओं ने महाराष्ट्र सरकार से इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण मांगा।
आम जनता ने भी इस बयान की कड़ी निंदा की। केरल में प्रदर्शनकारियों ने इसे राज्य के सम्मान पर हमला बताते हुए नितेश राणे से माफी की मांग की।
नितेश राणे की सफाई
विवाद बढ़ने पर नितेश राणे ने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि उनका उद्देश्य किसी समुदाय या राज्य को ठेस पहुंचाना नहीं था। उन्होंने कहा, “मैंने केवल कुछ घटनाओं पर अपनी चिंता व्यक्त की थी। अगर मेरे शब्दों से किसी को ठेस पहुंची है, तो मैं माफी मांगता हूं।”
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उनके बयान को तोड़-मरोड़कर सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि उनका मकसद केवल देश की सुरक्षा और एकता के लिए चिंता व्यक्त करना था।
विपक्षी नेताओं की आलोचना
विपक्षी दलों ने नितेश राणे पर हमला बोलते हुए कहा कि यह बयान एक जिम्मेदार मंत्री को शोभा नहीं देता। उन्होंने कहा कि इस तरह के बयान न केवल राज्यों के बीच विभाजन पैदा करते हैं, बल्कि देश की एकता और अखंडता को भी खतरा पहुंचाते हैं।
सामाजिक संगठनों की प्रतिक्रिया
सामाजिक संगठनों ने भी नितेश राणे के बयान की निंदा की और इसे अनुचित और भड़काऊ बताया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की टिप्पणियां समाज में तनाव पैदा कर सकती हैं और नेताओं को ऐसे बयानों से बचना चाहिए।