
भा.ज.पा. ने आज दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए अपनी पहली सूची जारी की। इस सूची में भाजपा ने न्यू दिल्ली विधानसभा सीट से पार्टी के उम्मीदवार के रूप में पार्वेश वर्मा का नाम घोषित किया है। पार्वेश वर्मा ने शनिवार को आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एक बड़ा चुनौती दी है, कहते हुए कि वह उम्मीद करते हैं कि केजरीवाल इस सीट से “भागेंगे नहीं”। वर्मा ने ANI से बातचीत करते हुए कहा कि वह दिल्ली के लोगों को शीश महल दिखाने ले जाना चाहते हैं और इसके लिए वह दिल्ली के मुख्यमंत्री अतिशी को पत्र लिखेंगे, ताकि शीश महल के दरवाजे खोले जा सकें, क्योंकि दिल्लीवाले यह जानना चाहते हैं कि उनके द्वारा चुकाए गए टैक्स का क्या हुआ।
वर्मा ने कहा, “मैं चाहता हूं कि दिल्ली के सभी लोग शीश महल देखें। मैं शीश महल के दरवाजे खोलने के लिए मुख्यमंत्री अतिशी को पत्र लिख रहा हूं, क्योंकि दिल्लीवासियों को यह जानने का हक है कि उन्होंने जो टैक्स दिया, उसका क्या हुआ। मुझे बस यह उम्मीद है कि अरविंद केजरीवाल इस सीट से भागे नहीं। मैं जल्द ही एक कैम्प लगाने वाला हूं, जहां मैं न्यू दिल्ली के लोगों को रोजगार के पत्र दूंगा।”
पार्वेश वर्मा, जो पूर्व में भाजपा के सांसद रह चुके हैं, 2014 से 2024 तक पश्चिम दिल्ली लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। अब वह दिल्ली की न्यू दिल्ली विधानसभा सीट से भाजपा के उम्मीदवार के रूप में चुनाव मैदान में हैं। उनके इस बयान से चुनावी माहौल और भी गर्मा गया है, जहां वह केजरीवाल को चुनौती देते हुए कहते हैं कि वह इस बार अपनी जिम्मेदारी से भागने वाले नहीं हैं।
अतिशी ने बिधुरी को किया हमला
भा.ज.पा. द्वारा घोषित उम्मीदवारों की सूची में दिल्ली के Kalkaji क्षेत्र से पूर्व सांसद रमेश बिधुरी को उम्मीदवार के रूप में नामित किया गया है, जहां उनका मुकाबला दिल्ली की मुख्यमंत्री अतिशी से होगा। इस पर मुख्यमंत्री अतिशी ने रमेश बिधुरी पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा ने उन्हें लोकसभा टिकट देने के योग्य नहीं समझा था। अतिशी ने कहा, “रमेश बिधुरी दक्षिण दिल्ली से सांसद रहे हैं, लेकिन उनकी पार्टी ने उन्हें लोकसभा चुनाव में टिकट देने के योग्य नहीं समझा। जब उनकी अपनी पार्टी ही उनके काम पर भरोसा नहीं करती, तो Kalkaji विधानसभा क्षेत्र के लोग उन्हें क्यों भरोसा करेंगे?”
रमेश बिधुरी दक्षिण दिल्ली से दो बार लोकसभा सांसद रह चुके हैं। अतिशी का यह बयान भाजपा की अंदरूनी राजनीति पर भी सवाल उठाता है, जहां पार्टी के नेताओं के प्रति विश्वास की कमी दिख रही है।
भा.ज.पा. की अन्य उम्मीदवारों की सूची में कई और नाम भी शामिल हैं। भाजपा ने दिल्ली के अलग-अलग क्षेत्रों से उम्मीदवारों के नाम घोषित किए हैं, जिनमें करोल बाग से दुष्यंत गौतम, राजौरी गार्डन से मंजींदर सिंह सिरसा, बिजवासन से कैलाश गेहलोत और गांधी नगर से अरविंदर सिंह लवली शामिल हैं।
भा.ज.पा. द्वारा घोषित इन नामों के साथ ही दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए राजनीतिक परिदृश्य और भी दिलचस्प हो गया है। भाजपा और आप के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिल सकती है, जहां दोनों ही पार्टियां दिल्ली की सत्ता पर कब्जा करने के लिए अपना पूरा जोर लगा रही हैं।
चुनाव में किस पार्टी को कितनी सफलता मिलती है, यह तो समय ही बताएगा, लेकिन इन सभी राजनीतिक गतिविधियों और बयानों से साफ है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव एक रोमांचक मुकाबला होने जा रहा है।
पार्वेश वर्मा कौन हैं?
पार्वेश वर्मा भारतीय राजनीतिज्ञ और भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) के सदस्य हैं। वह पश्चिम दिल्ली से 2014 से 2024 तक लोकसभा सांसद रहे हैं। वर्तमान में, वह आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव में न्यू दिल्ली विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के उम्मीदवार के रूप में चुनावी मैदान में हैं।
पार्वेश वर्मा, सत्य प्रकाश वर्मा के बेटे हैं, जो दिल्ली के एक प्रमुख नेता रहे हैं। वह पिछले कई वर्षों से राजनीति में सक्रिय हैं और दिल्ली के विकास से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर काम कर चुके हैं। उन्होंने क्षेत्रीय विकास, सामाजिक कल्याण और जनहित कार्यों में भी अपनी भूमिका निभाई है।
राजनीतिक करियर में, पार्वेश वर्मा ने कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया है, जिनमें लोकसभा सदस्य के रूप में उनका कार्यकाल प्रमुख है। वह दिल्ली सरकार के कामकाज पर आलोचनात्मक दृष्टिकोण रखते हैं, विशेष रूप से आम आदमी पार्टी (AAP) और उसके नेताओं, खासकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर उनकी कड़ी आलोचनाएं रही हैं।
वर्मा ने हमेशा दिल्ली सरकार की नीतियों की आलोचना की है, खासकर भ्रष्टाचार और सार्वजनिक धन के उपयोग को लेकर। उनका उद्देश्य दिल्ली विधानसभा चुनावों में भाजपा की जीत सुनिश्चित करना और न्यू दिल्ली सीट से केजरीवाल को चुनौती देना है।
पार्वेश वर्मा की हालिया बयानबाजी और उनके द्वारा केजरीवाल को दी गई चुनौती ने चुनावी माहौल को और भी गरम कर दिया है। वह भाजपा के एक प्रमुख चेहरा के रूप में उभर कर सामने आए हैं, जो दिल्ली की सत्ता पर पुनः भाजपा का कब्जा करवाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं।